बदहाल शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए आगे आए निजी स्कूल

मिर्जापुर। नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस नई दिल्ली के आह्वान पर मिर्जापुर स्कूल एसोसिएशन की ओर से शनिवार को बंदी का आयोजन किया गया। इसके समर्थन में शिक्षा, गणवत्ता एवं सम्मान के लिए शिक्षा बचाओ अभियान के तहत शहर के सभी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद रहे। डैफोडिल्स पब्लिक स्कल में आयोजित बैठक के दौरान डायरेक्टर अमरदीप सिंह ने कहा कि देश भर के 60 प्रतिशत से भी ज्यादा बच्चे निजी स्कलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा पा रहे हैं। इसके बाद भी नीति निर्धारण से लेकर पाठ्यक्रम, परीक्षा, परिणाम सभी सरकारी स्कूलों के ही हाथ में है। सरकारी स्कूलों का सारा बजट जनता से वसूले गए टैक्स से किया जाता है, जिसका जनता को प्राय-कोई भी लाभ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा की चाह रखने वाले अभिभावकों से एक बार तो शिक्षा के नाम पर टैक्स वसूला जाता है, फिर उसी अभिभावक को प्राइवेट स्कूल में पूरी शिक्षा दिलानी पड़ती है। जिसमें अपने बच्चे की फीस के साथ साथ निशुल्क शिक्षा अधिनियम के तहत पढ़ रहे बच्चों की फीस भी वहन करना पड़ता है। लायंस स्कूल के एनके पांडेय ने कहा कि पिछले सत्रों की स्वयं सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम क्षतिपूर्ति भी अभी तक स्कूलों को प्राप्त नहीं हो सकी है। शेमफोर्ड स्कूल की सुपर्णा सिन्हा ने कहा कि यदि सरकार अपने नियंत्रणाधीन समस्त स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता उच्चस्तरीय कर दें तो प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को जाने की जरूरत ही न पड़े। तथाकथित शोषण जैसे शब्दों एवं मनमाने शुल्क जैसे विशेषणों से स्कूल प्रबंधन, शिक्षक एवं अन्य स्टाफ को जलील नहीं होना पड़ेगा। शिक्षा विभाग अपनी घोर कमियों एवं उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर से जनता का ध्यान हटाने के लिए सभी का ध्यान अशासकीय स्कूलों की तरफ कर रहा है।